हड़प्पा सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थल उसकी वर्तमान स्थिति, उसके उत्खननकर्ता तथा उसकी विशेषता
Ø हड़प्पा–
o मान्डकोमरी जिला, पाकिस्तान
o इसकी खुदाई 1921 में सर दयाराम साहनी के द्वारा कराया गया।
o यहां से एक बर्तन पर मछुआरे का चित्र, शंख का बना बैल, ताम्बे का दर्पण, आर-37 समाधी, मुहर पर गरूड़ का चीत्र, एक कतार में छ: अन्नागार, मातृदेवी की मूर्ति, 20 सम्पूर्ण मानव खोपड़ी, 16 कुम्हार के भठ्ठे प्राप्त हुए हैं।
Ø मोहनजोदारो
o लड़काना जिला, पाकिस्तान
o इसकी खुदाई 1922 में राखालदास बनर्जी के द्वारा करायी गयी।
o मोहनजोदड़ो का शाब्दिक अर्थ होता है- मृतकों का टिल्ला
o यहां से कुषाण कालीन स्तुप मिला है।
o यहां का सबसे महत्वपूर्ण इमारत स्नानागार है, जबकि सबसे बड़ा इमारत अन्नागार है।
o यहां सुती कपड़े का साक्ष्य मिला है।
o कांसे की बिलकुल नंगी नर्तकी मिली है, जिसके बायें हांथ में 11 कांसे की चुड़ी है।
o मोहनजोदड़ो का पतन बाढ़ से हुआ था।
o हड़प्पा सभ्यता की सबसे चौड़ी सड़क यहीं से मिली है।
o यहां से एक योगी का चीत्र मिला है, जिसे जॉन मार्शल ने पशुपति महादेव का आदि रूप कहकर संबोधित किया है।
o यहां से मेसोपोटामिया की मोहर मिली है।
Ø चान्हूदड़ो
o सिंध, पाकिस्तान में
o इसकी खुदाई मैकाई ने करायी
o यहां से झुकर, झांगर संस्कृति का साक्ष्य मिला है।
o अलंकृत हाथि, लिपिस्टिक की डंडी, काजल की डिबिया, उस्तुरा, दवात, मनका बनाने का कारखाना मिला है।
Ø कोटदीजी-
o सिंध, पाकिस्तान
o इसकी खुदाई खुरे तथा फजल अहमद खान के द्वारा कराई गयी।
o यहां से पत्थर के तीर धनुष, पत्थर के बर्तन मिले हैं। पत्थर से ढका कब्र मिला है।
Ø लोथल-
o यह गुजरात में है।
o इसकी खुदाई एस आर राव ने करायी।
o इसे लघु हड़प्पा एवं लघु मोहनजोदड़ो के नाम से जाना जाता है।
o यहां से बंदरगाह का साक्ष्य, मनका बनाने का कारखाना मिला है।
o तराजु एवं बटखारे का साक्ष्य मिला है।
o फारस र्ऊ इरान का मोहर मिला है।
o घोड़े की मुर्ति मिली है।
o गेहूं पीसने का जांता मिला है।
o यहां के मोहर पर स्वास्तिक का चिन्ह मिला है।
o यह एक मात्र स्थल है जहां से गाया की मूर्ति मिली है।
o गोल मेहराब मिला है।
o दिशासुचक यंत्र मिला है।
o मोहर पर लोमड़ी और कौवा का चित्र मिला है।
Ø रोपड़-
o पूर्वी पंजाब
o इसकी खुदाई अमलेन्दू घोष एवं वीवी लाल ने कराई। यहां से मिट्टी के बर्तन एवं तांबे की कुल्हाड़ी मिली है।
o यहां से पाये ये कब्र में मानव के साथ कुत्ता को दफनाने का साक्ष्य मिला है।
o रोपड़ की विधिवत खुदाई यज्ञदत्त शर्मा ने कराई।
o रोपड़ को रूपनगर के नाम से भी जाना जाता है।
Ø कालीबंगा-
o गंगानगर, राजस्थान
o इसकी खुदाई अमलेंदू घोष एवं वीवी लाल ने कराई
o यहां से तीन दूर्ग, आयताकार अग्निकुंड, जुते हुए भूमि का साक्ष्य प्राप्त हुआ है।
o यहां के सारे भवन कच्ची मिट्टी के थे।
o भारत के अंदर यह सिंधु सभ्यता का प्राचिनतम स्थल है।
o यहां काले रंग की चुड़ी बहुतायात मात्रा में मिली है।
o यहां चुड़ी का कारखाना था।
o अलंकृत ईंट का साक्ष्य मिला है।
o बेलनाकार मुहर मिला है।
o तंदूरी चुल्हा का साक्ष्य मिला है।
o सोची संस्कृति का प्रमाण मिला है।
Ø सुरकोटदा-
o गुजरात, जगतपति जोशी
o बड़े-बड़े पत्थरों से ढके कब्र का साक्ष्य मिला है।
o आयताकार कब्र मिला है
o यहां शॉपिंग कांप्लेक्स मिला है।
Ø आलमगिरपुर –
o पश्चिमी उत्तर प्रदेश
o टिड के द्वारा खुदाई कराया गया।
o यहां से पत्थर के हथियार मिला है।
o धान के भुसी के ढेर मिला है।
o रिछ एवं सांप की मूर्ति मिली है।
o किसी भी भवन का अवशेष नहीं मिला है।
Ø बनवाली-
o हिस्सार, हरियाणा
o आर एस विष्ट एवं एम के दीक्षित
o यह पूरी तरह से घोड़े की नाल की तरह था।
o यहां सबसे अच्छे प्रकार का जौ मिला है।
o मिट्टी एवं पत्थर के हल मिला है।
o तराशा हुआ हिरा मिला है।
o गोमेद पत्थर मिला है।
Ø राखीगढ़ी
o पंजाब, सुरजभान
o यह शंख नदी पर है।
o वर्तमान में भारत के अंदर यह सबसे बड़ा स्थल है।
Ø धौलविरा-
o गुजरात
o इसकी जानकारी सबसे पहले जगतपति जोशी ने दी।
o जबकि इसकी खुदाई, 1991 में आर एस विष्ट के द्वारा करायी गयी।
o यहां सफेद कुंआ मिला है।
o यहां से सफेद शंख मिला है।
o सबसे बड़े आकार का लिपि वर्ण (Name Plate) मिला है।
o यहां 6 बड़े क्ब्र मिले हैं जिससे कोई कंकाल नहीं मिला है।
Ø दैमाबाद-
o अहमद नगर जिला, महाराष्ट्र
नोट-
· कालीबंगा एवं आलमगिरपुर से मातृदेवी की कोई मूर्ति नहीं मिली है।
· कोटदीजी एवं कालीबंगा से कोई भी लिंग और योनि नहीं मिला है।
· रंगपुर और कोटदीजी सैंधव सभ्यता के उत्तरोतर अवस्था के प्रमाण हैं।
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1 comment:
Ye city se dur rahane walo student Jo village me rahate hai or taiyari karte hai unahe bahut help milata hai apko bahut danybad sir
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