जानीए 'रानी का वाब', जिसे 100 के नये नोट पर छापा जा रहा है
क्या है रानी का वाव ?
रानी का वाव एक सिढीदार कुआं है इसे वाव या बावड़ी भी कहते हैं यह गुजरात के पाटन जिले में है। पाटन को पहले अन्हिलपुर भी कहा जाता था कभी यह गुजरात की राजधानी भी रह चुका है
|
Rani ki Vav |
इसे रानी का वाव क्यों कहते हैं ?
सोलंकी राजवंश की रानी उदयामति ने राजा भीमदेव प्रथम की प्रेमिल स्मृति में बनवाया था। इसीलिए इसे रानी का वाव कहते हैं।
क्यों खास है ?
युनेस्को द्वारा 22 जून 2014 को इसे विश्व विरासत स्थल में शामिल किया गया।
इसे बनवाया कौन था ?
सोलंकी राजवंश की रानी उदयामति ने राजा भीमदेव प्रथम की प्रेमिल स्मृति में बनवाया था। रानी उदयमति जूनागढ़ के चूड़ासमा शासक खेंगार की पुत्री थीं। सोलंकी राजवंश के संस्थापक मूलराज थे।
कब बना था ?
1603 में
यह कितना बड़ा है ?
64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा 27 मीटर गहरा है।
No comments:
Post a Comment